अब मुप्त राशन योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे लोग, इस वजह से लिया गया फैसला यहाँ से देखें पूरी डिटेल्स

दिल्ली अलर्ट: देश में बढ़ती महंगाई से हर कोई परेशान है, ऐसे में हर वर्ग के लोग किसी न किसी तरह से अपना गुजारा कर रहे हैं. अलर्ट कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने गरीब परिवार को मुफ्त राशन मुहैया कराया था, जिसकी शुरुआत 26 मार्च 2020 को पीएमजीकेएवाई योजना के तहत की गई थी। लेकिन अब जल्द ही इस योजना को बंद किया जा रहा है क्योंकि इस योजना को लेकर खुद वित्त मंत्रालय ने आपत्ति जताई है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि मुफ्त राशन योजना को आगे बढ़ाने या टैक्स में कोई राहत देने से सरकार की आर्थिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.

योजना से बढ़ रहा खाद्य सब्सिडी बिल

आपको बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर पीएमजीकेएवाई योजना की तारीख सितंबर 2022 तक बढ़ा दी थी, लेकिन सरकार का अनुमान है कि अगर इस योजना को और आगे बढ़ाया गया तो सब्सिडी का बिल और बढ़ सकता है. जो सही नहीं है।

आपको बता दें कि सरकार ने इस साल के बजट में खाद्य सब्सिडी के लिए 2.07 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा था। जो वित्त वर्ष 2021-22 में 2.86 लाख करोड़ रुपये से भी कम था। अगर PMGKAY योजना को आगे बढ़ाया जाता है, तो खाद्य सब्सिडी बिल 80 हजार करोड़ रुपये बढ़कर लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।

कस्टम ड्यूटी में कटौती से करोड़ों का नुकसान

खाद्य सुरक्षा और वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय ने सलाह दी है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सितंबर से आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि मुफ्त राशन योजना में वृद्धि, उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि, रसोई गैस पर सब्सिडी वापस लाने के कारण खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में कटौती से काफी नुकसान हुआ है। वहीं, व्यय विभाग ने कहा कि पिछले महीने पेट्रोल-डीजल पर कस्टम ड्यूटी में कटौती से अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. साथ ही आर्थिक समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी और कर कटौती के खिलाफ तर्क पेश किया था।